मेजर ध्यानचन्द की जयंती मनाई जाने के साथ ही, रक्षा बन्धन के उपलक्ष्य में कार्यक्रम

Sara Samay News

सारा समय न्यूज नेटवर्क

रायबरेली।न्यू स्टैण्डर्ड बालिका विद्या मन्दिर रायबरेली में ’विवेकानन्द हाउस’ के सौजन्य से ’हाकी का जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचन्द की जयंती मनाई जाने के साथ ही, रक्षा बन्धन के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य श्री तारकेश्वर सिंह जी सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने ध्यानचन्द जी को श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्पांजलि अर्पित की। राश्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर स्कूल के बच्चों में से आर्य प्रताप, ओमिशा, अरल, भाव्या आदि को क्रमशः ध्यानचंद, मैरीकॉम, जैसे विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ियों के प्रतिरूप में देखकर स्मृतियां तरोताजा हो गयीं। खेल दिवस पर स्कूल के पीटीआई टीचर विवेक सिंह जी ने स्कूल ग्राउंड में माण्डवी, मानसी, नैना, जान्हवी आदि छात्राओं को योगासन के साथ ही खो-खो, कबड्डी, टेनिस जैसे खेल खिलाने के साथ ही जीवन में खेलों के महत्व के सम्बन्ध में जानकारी दी। स्कूल के फिजिक्स विशय के प्रवक्ता अमित सिंह जी ने मेजर ध्यानचंद के जीवन जुड़े रोचक प्रसंगों से बच्चों को अवगत कराया। रक्षाबन्धन के उपलक्ष्य में प्राइमरी की छात्राओं ने अपने सहपाठी भाईयों की कलाई पर तो रक्षा सूत्र बांधा ही साथ ही काव्या और उनकी साथी छात्राओं ने प्रधानाचार्य जी को भी राखी बाँधकर उनके सुखी जीवन की कामना की। कार्यक्रम में कृष्ण-सुभद्रा की भूमिका में अनिका सिंह और ओमिशा द्वारा दिखाई गई रक्षाबंधन की झाँकी अति मनोहारी रही। इस अनुपम राखी-बन्धन को मीडिया कर्मी भी अपने कैमरे में कैद किये बिना नहीं रह सके। स्कूल की छात्रा राधिका सिंह ने प्रोग्राम का बड़ी ही कुशलता से बेहतरीन संचालन किया। इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को आकर्शण युक्त बनाने में एक्टीविटी इंचार्ज प्रमान्शु श्रीवास्तव जी का कुशल निर्देशन और सार्थक शुक्ला, भावना श्रीवास्तव, माधुरी शुक्ला, नीतू श्रीवास्तव आदि का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम के अन्त में प्रधानाचार्य जी ने बच्चों को बताया कि आज नये भारत में जितना महत्व शिक्षा का है, उतना ही महत्व खेलों का भी है। खेलने से तन-मन दोनों की चुस्त-दुरूस्त रहते हैं। पद्मभूशण अलंकृत ध्यानचंद जी का पूरा जीवन खेल को समर्पित रहा। हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने अपने परिश्रम व समर्पण से विश्व पटल पर माँ भारती का गौरव बढ़ाया है। ऐसे अमूल्य रत्न भारत माता को कभी-कभी ही मिलते हैं। रक्षा-बन्धन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा-सूत्र बाँधती है और भाई भी उनकी रक्षा का बचन देते हैं।
    आप सभी को राष्ट्रीय खेल दिवस और रक्षा बन्धन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!

इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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