राम जानकी मंदिर की जमीन मुद्दे पर अयोध्या के संत आए सामने , डीएम को लिखी चिट्ठी

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ऊंचाहार , रायबरेली । क्षेत्र के बाबा का पुरवा गांव स्थित राम जानकी मंदिर की राजमार्ग के किनारे बेस कीमती भूमि पर कब्जा करके अवैध रूप से भवन निर्माण का मामला जोर पकड़ रहा है। इस मामले में भाजपा नेता के बाद अब अयोध्या के संत ने डीएम को पत्र लिखकर मंदिर की भूमि को मुक्त कराए जाने की मांग की है ।
ज्ञात हो कि राम जानकी मंदिर की काफी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने और उसमें खड़े सात सौ पेड़ों को काट डालने की शिकायत भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रांतीय मंत्री अभिलाष चंद्र कौशल ने अधिकारियों से की थी । इस मामले में श्री वेद मंदिर सेवा ट्रस्ट के महामंडलेश्वर स्वामी राम नरेश दास जी महराज भी सामने आए है। महामंडलेश्वर ने जिलाधिकारी रायबरेली को इस मुद्दे पर पत्र लिखा है । जिसमें उन्होंने कहा है कि मंदिर की भूमि गाटा संख्या 1823 पर ऊंचाहार के बी एन मौर्य और उनकी पत्नी सत्यभामा मौर्या ने कब्जा करके पंचशील महाविद्यालय की बाउंड्री और विज्ञान भवन का अवैध रूप से निर्माण कर लिया है । यही नहीं इस भूमि पर बनी बाबा प्रेमदास की समाधि को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है । उन्होंने डीएम से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके मंदिर की बेस कीमती जमीन को मुक्त कराने की मांग की है ।

जिस पर पुजारी की हत्या का आरोप , उसी ने समाधि को किया क्षतिग्रस्त

राम जानकी मंदिर के महंत बाबा प्रेमदास की हत्या में जिस व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था , उसी व्यक्ति पर उनकी समाधि को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगा है । महंत की हत्या में ऊंचाहार के बी एन मौर्य और उनके साथियों के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था । आरोप था कि मंदिर की जमीन हथियाने के लिए उन्होंने महंत की हत्या करके उनका शव मंदिर की गेट पर लटका दिया था । इस हत्याकांड में बड़ा बवाल हुआ था । महंत के शव को मंदिर की भूमि पर दफन किया गया था । अब इसी भूमि पर कब्जा हो गया है , यही नहीं महंत की समाधि को क्षतिग्रस्त कर दिया है।

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